मनोरंजक कथाएँ >> अद्भुत द्वीप अद्भुत द्वीपश्रीकान्त व्यास
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जे.आर.विस के प्रसिद्ध उपन्यास स्विस फेमिली रॉबिन्सन का सरल हिन्दी रूपान्तर...
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अब हमारे पास जानवरों और पक्षियों की संख्या बहुत बढ़ गई थी। जरूरत से कई गुना ज्यादा जानवर और पक्षी इकट्ठे हो चुके थे। सबसे बड़ी समस्या यह आ खड़ी हुई कि उनकी देखभाल कैसे की जाए और उनके खाने पीने का बंदोबस्त कैसे हो। मेरी पत्नी का और मेरा विचार यह था कि उन्हें पास के किसी ऐसे टापू पर छोड़ देना चाहिए जहां वे स्वयं अपने चारे की तलाश कर जिंदा रह सकें।
बात तय हो गई। अपनी जरूरत के अनुसार हमने कुछ मुर्गियां, दो अच्छे मुर्गे, चार सुअर, चार भेड़ें और दो बकरे रख लिए। बाकी जितने भी जानवर थे, उन्हें साथ लेकर हम किसी नई जगह की खोज में निकल पड़े। फ्रिट्ज अपने घोड़े पर था और आगे-आगे चल रहा था।
काफी लंबा सफर तय कर लेने के बाद हम एक नई जगह पहुंचे। रास्ते भर ऊंची-ऊंची घास और कांटेदार झाड़ियां दिखाई देती रही थीं। लेकिन जिस जगह हम पहुंच गए थे वहां न ऊंची-ऊंची घास थी, न कांटेदार झाड़ियां। वहां लम्बा-चौड़ा खुला हुआ मैदान था और छोटे-छोटे पौधे जमीन पर गद्दे की तरह बिछे थे। तभी फ्रांसिस ने अंगुली से इशारा करते हुए उतावली के साथ कहा, ''पापा-पापा, देखो तो कितनी सारी बर्फ यहां बिछी पड़ी है। आओ, हम सब लोग यहीं रुक जाएं और बर्फ पर खेलें।''
फ्रांसिस के मुंह से बर्फ के बारे में सुनकर मुझे हंसी आ गई। मैंने सोचा कि भला ऐसे गर्म मुल्क में बर्फ कहां से आ सकती है। लेकिन तभी मुझे सच्चाई का पता चल गया। वहां जमीन पर जो छोटे-छोटे पौधे गद्दे की तरह बिछे दिखाई दे रहे थे वे वास्तव में कपास के पौधे थे। जैसे ही मुझे इस बात का पता चला, मेरी खुशी का ठिकाना न रहा, क्योंकि मैं जानता था कि कपास दुनिया की एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण चीज है। शुरू-शुरू में, जब यात्रा के दौरान हमारे जहाज की दुर्घटना हुई थी और हम लोग समुद्र में बेसहारा रह गए थे तो मुझे लगा था कि शायद हमारी किस्मत सबसे ज्यादा खराब है। लेकिन जैसे ही हम लोग समुद्र से बाहर आए, पग-पग पर मुझे यह अनुभव होता रहा कि किस्मत लगातार हमारा साथ दे रही है। हम अगर एक चीज की तलाश में निकलते हैं तो नौ और चीजें अपने आप हमें मिल जाती हैं।
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